यादश-ब-खैर
याद आई है तेरी बेकार यादश-ब-खैर,अब नहीं है जब तेरी दरकार यादश-ब-खैर।कौन था वो भूल जाने को कहा था जिसने?नाम क्या था उसका.. ओफ्फो यार,यादश-ब-खैर।याद आई तब सुकूँ के मायने जाना मैं,याद करके मैं हुआ गुलनार,यादश ब खैर।आ ही जाता है तसव्वुर तेरा जब जब मुझको,साथ दिख जाए हैं गुल-ओ-ख़ार, यादश-ब-खैर।खैर हो तेरा कि तुझमें भी मैं हूँ मेरे दोस्त,इसलिए तो कहता हूँ हर बार,यादश-ब-खैर।